कुछ तो लोग कहेंगे.......लोगों का काम है कहना
इंसान की जिज्ञासा कभी शांत नहीं होती , वह जीवन पर्यन्त चलती रहती है पर अगर बात हो खुद को जानने की तो हम हमेशा यही कोशिश करते है की लोगों के मन में हमारे लिए क्या चल रहा है और उसमे कही न कही खुद को जानने की तमन्ना सबसे ज्यादा होती है
लोग कही तरह से कोशिश करते है अपने बारे में लोगों से जानने की, और यही चाहते की मेरे बारे में बस अच्छी बातें पता चले और मेने क्या गलत किया या कर रहें है ये सुनने के की लालसा नहीं होती है यही सबसे बड़ी गलती है अगर जानना ही है तो अच्छा और बुरा सब तरह का सुनना पड़ेगा
और सच में आप जान ले की लोगों आपके बारे में क्या सोचते है तो आप कभी खुश नहीं रह पायेंगे
आप खुद को हमेशा सही साबित करने में अड़े रहेंगे या आप बनावटी हो जायेंगे क्योंकि आप लोगों की सोच को तो नहीं बदल सकते है लोग उतना ही सोचेंगे जितना आपके बारे में सोच रखा है
"कोई अपनी ही नज़र से तो देखेगा हमें , एक कतरे को समुन्द्र नज़र आये केसे "
अगर आपके पीछे लोगों से अच्छा ही अच्छा सुनने को मिले तो भी अहंकार आ जाता है आखिर क्यों देखे हम खुद को ओरों की नज़र से ??
"हर चीज़ उठाई जा सकती है , सिवाय लोगों की गिरी हुई सोच के "
इसे एक उदाहरण से समझते है की आप बहुत अच्छे इंसान है लोगों के आखों के तारे है और किसी दिन कोई ऐसा मिले जो आपको आपके पुनर्जन्म के दर्शन करा दे और आप आप पिछले जन्म में एक वेश्या थे अब बताइये आपको कैसा लग रहा है ??
आपने पुनर्जन्म तक जान लिया, की आप जिस्म को बेचा करते थे, तब आपकी पिछली ज़िन्दगी आज के जीवन को प्रभावित करेगीं
तो फिर लोगों का प्यार पाना हो तो हमेशा अनजान बने रहें , सब कुछ जानकर, अनजान बनकर रहना, एक दिन आपके पीछे की झूठी बातों , छोटी सोच को अपने व्यवहार से अच्छी सोच में बदल देंगे फिर लोग कहेंगे की इसके बारे मे, में कितना गलत था |
बात नजरिये की है जब तक सच दहलीज़ पार करता है तब तक झूठ आधी दुनिया घूम लेता है
लेकिन सच परास्त हो सकता है पर कभी पराजित नहीं होगा
इसलिए बजाय सब जानने के मस्त रहें, खुश रहें और अपनी शर्तों पर ज़िन्दगी जिए
"सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग"
फालतू की बातों की फिक्र से आज के आनंद को क्यों ख़राब करना ??
व्यक्ति अपनी नज़र से सही होना चाहिये, बाकि तो दुनिया भगवान से भी दुखी है
आप उनके लिए Best हो जो आपको समझते है
अंत में यही कहूँगा .......कुछ तो लोग कहेंगे , लोगों का काम है कहना
लोग कही तरह से कोशिश करते है अपने बारे में लोगों से जानने की, और यही चाहते की मेरे बारे में बस अच्छी बातें पता चले और मेने क्या गलत किया या कर रहें है ये सुनने के की लालसा नहीं होती है यही सबसे बड़ी गलती है अगर जानना ही है तो अच्छा और बुरा सब तरह का सुनना पड़ेगा
और सच में आप जान ले की लोगों आपके बारे में क्या सोचते है तो आप कभी खुश नहीं रह पायेंगे
आप खुद को हमेशा सही साबित करने में अड़े रहेंगे या आप बनावटी हो जायेंगे क्योंकि आप लोगों की सोच को तो नहीं बदल सकते है लोग उतना ही सोचेंगे जितना आपके बारे में सोच रखा है
"कोई अपनी ही नज़र से तो देखेगा हमें , एक कतरे को समुन्द्र नज़र आये केसे "
अगर आपके पीछे लोगों से अच्छा ही अच्छा सुनने को मिले तो भी अहंकार आ जाता है आखिर क्यों देखे हम खुद को ओरों की नज़र से ??
"हर चीज़ उठाई जा सकती है , सिवाय लोगों की गिरी हुई सोच के "
इसे एक उदाहरण से समझते है की आप बहुत अच्छे इंसान है लोगों के आखों के तारे है और किसी दिन कोई ऐसा मिले जो आपको आपके पुनर्जन्म के दर्शन करा दे और आप आप पिछले जन्म में एक वेश्या थे अब बताइये आपको कैसा लग रहा है ??
आपने पुनर्जन्म तक जान लिया, की आप जिस्म को बेचा करते थे, तब आपकी पिछली ज़िन्दगी आज के जीवन को प्रभावित करेगीं
तो फिर लोगों का प्यार पाना हो तो हमेशा अनजान बने रहें , सब कुछ जानकर, अनजान बनकर रहना, एक दिन आपके पीछे की झूठी बातों , छोटी सोच को अपने व्यवहार से अच्छी सोच में बदल देंगे फिर लोग कहेंगे की इसके बारे मे, में कितना गलत था |
बात नजरिये की है जब तक सच दहलीज़ पार करता है तब तक झूठ आधी दुनिया घूम लेता है
लेकिन सच परास्त हो सकता है पर कभी पराजित नहीं होगा
इसलिए बजाय सब जानने के मस्त रहें, खुश रहें और अपनी शर्तों पर ज़िन्दगी जिए
"सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग"
फालतू की बातों की फिक्र से आज के आनंद को क्यों ख़राब करना ??
व्यक्ति अपनी नज़र से सही होना चाहिये, बाकि तो दुनिया भगवान से भी दुखी है
आप उनके लिए Best हो जो आपको समझते है
अंत में यही कहूँगा .......कुछ तो लोग कहेंगे , लोगों का काम है कहना
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